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दुरुमिस बनाम मिन हीजिन, 20 करोड़ के हर्जाने के मुकदमे का सच क्या है?
- लेखन भाषा: कोरियाई
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आधार देश: सभी देश
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- मनोरंजन
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के-पॉप गर्ल ग्रुप आइलेट और न्यूजिन्स को लेकर चली आ रही कॉपीराइट विवाद की वजह से कोर्ट में लड़ाई शुरू हो गई है और इस पर काफी ध्यान केंद्रित है। आइलेट की कंपनी बिलीफ्लैब ने मिन ही-जिन (पूर्व एडोर सीईओ) के खिलाफ 2 बिलियन वोन (लगभग ₹11.5 करोड़) के हर्जाने का मुकदमा दायर किया है। यह मिन पूर्व सीईओ के इस दावे का जवाब है कि आइलेट का कॉन्सेप्ट न्यूजिन्स की कॉपी है। बिलीफ्लैब ने इस दावे का पुरजोर खंडन किया है और कहा है कि वो कोर्ट में सच्चाई सामने लाएंगे।
मुक़दमे की पृष्ठभूमि: न्यूजिन्स और आइलेट का कॉपीराइट विवाद
न्यूजिन्स / स्रोत : एडोर
यह कॉपीराइट विवाद तब शुरू हुआ जब मिन ही-जिन (पूर्व सीईओ) ने अप्रैल में हाइव के साथ विवाद के दौरान आरोप लगाया कि बिलीफ्लैब के आइलेट ने न्यूजिन्स के डेब्यू कॉन्सेप्ट, कपड़े, डांस और विजुअल्स की कॉपी की है। मिन पूर्व सीईओ ने कहा कि यह आरोप हाइव के अंदरूनी बदला लेने वाले ऑडिट की वजह से लगाया गया है और इस विवाद को और गहरा कर दिया।
इस दौरान हाइव के अंदरूनी कर्मचारी की जानकारी सार्वजनिक होने से विवाद और बढ़ गया। सूत्र ने आरोप लगाया कि आइलेट के क्रिएटिव डायरेक्टर ने न्यूजिन्स की योजना को देखा था और दोनों ग्रुप की योजनाएँ बहुत मिलती-जुलती हैं।
इस पर बिलीफ्लैब ने कहा कि "आइलेट की ब्रांडिंग रणनीति 21 जुलाई 2023 को ही तय हो गई थी और सूत्र द्वारा बताई गई योजना 28 अगस्त को शेयर की गई थी" और कॉपीराइट के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
बिलीफ्लैब ने किया कड़ा विरोध
आइलेट / स्रोत : दुरुमिस
पिछले महीने बिलीफ्लैब के सीईओ किम ताए-हो ने संसद की संस्कृति, खेल और पर्यटन समिति में आधिकारिक बयान दिया। उन्होंने कहा कि "यह दावा कि आइलेट ने न्यूजिन्स की कॉपी की है, गलत है" और बताया कि "मिन ही-जिन (पूर्व सीईओ) के खिलाफ आपराधिक और दीवानी मुकदमा चल रहा है।"
किम ने जोर देकर कहा कि "हम प्रक्रिया का पालन करेंगे और कोर्ट के जरिए गलत जानकारी को साबित करने वाले सबूत और आधार पेश करेंगे।" बिलीफ्लैब ने इस मुकदमे के जरिए कॉपीराइट के आरोपों को दूर करने और मिन पूर्व सीईओ के दावे से हुई कंपनी के नुकसान की भरपाई करने की इच्छा दिखाई है।
कोर्ट में सच्चाई का फैसला
सियोल वेस्टर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की 12वीं सिविल कोर्ट इस मामले की पहली सुनवाई 10 जनवरी 2025 को करेगी। बिलीफ्लैब आइलेट की मौलिकता पर जोर दे रहा है और कह रहा है कि न्यूजिन्स के साथ योजनाओं की समानता का कोई आधार नहीं है।
दूसरी तरफ, मिन पूर्व सीईओ का बयान अभी तक सार्वजनिक नहीं हुआ है, लेकिन यह उम्मीद की जा रही है कि हाइव के साथ उनके विवाद और कॉपीराइट विवाद के बीच कानूनी लड़ाई काफी तेज होगी।
इंडस्ट्री और प्रशंसकों का नज़रिया
यह मुकदमा के-पॉप इंडस्ट्री में कॉपीराइट विवाद और काम की मौलिकता के मुद्दे को फिर से उजागर कर रहा है। प्रशंसक दोनों ग्रुप की योजनाओं और कॉन्सेप्ट में कितनी समानता है, इस पर अलग-अलग राय रखते हैं और कोर्ट के फैसले से के-पॉप कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा के ढाँचे पर असर पड़ सकता है।